लेखनी प्रतियोगिता -28-Mar-2023 my wife is my life
शीर्षक = My wife is my life
पत्नि, जिस पर बहुत सारे जोक्स आज से नही बहुत पहले से बनते आ रहे है, पहले तो सिर्फ ये मज़ाक का सिलसिला जोक्स तक ही सीमित था, लेकिन आज कल सोशल मीडिया के दौर में अब बहुत सी ऐसी वीडियोस टिक टोक और इंस्टाग्राम रील्स नामी प्लेटफॉर्म पर देखने को मिल जाती है, जिसमे अभिनय कर रहे किरदार चंद लाइक्स और कमैंट्स के खातिर पति पत्नि के इस खूबसूरत रिश्ते को किसी और तरह से ही दिखाते है, जिनमे या तो पत्नि को पैसों का लालची तो कभी शॉपिंग का शौकीन तो कभी अपने पति का चेन सुकून छीन लेने वाली स्त्री की भांति दिखाया जाता है,
खेर जिसकी जितनी सोच उतनी ही समझ, लेकिन आज मैं अपनी शादी शुदा जिंदगी के कुछ ऐसे अनुभव आज के इस शुभ अवसर पर ज़ब ईश्वर ने हमें मिलाया था यानी की हमारी शादी हुयी थी और हम दो अनजान लोग जो उस दिन से पहले न तो कभी मिले थे और न ही एक दुसरे को देखा था, क्यूंकि उस समय ऐसा मिलने मिलाने का रीवाज़ नही था, माता पिता ही देखभाल के रिश्ता पक्का कर देते थे, और वैसे भी माता पिता कब अपनी औलाद का बुरा चाहते है, वो तो चाहते है की उनकी औलाद हमेशा खुश रहे ये तो बच्चें ही होते है जो कभी कभार बेहक कर गलत कदम उठा लेते है
खेर मुद्दे पर आते है, तो हम कहा थे, हम बात कर रहे थे, पत्नि यानी की जीवन संगिनी की, जो कि अपना सब कुछ छोड़ कर अपना घर, अपने बहन भाई अपने माता पिता और यहां तक की अपना उपनाम तक छोड़ कर एक ऐसे मर्द का हाथ थाम कर उसके साथ अग्नि को साक्षी मान कर सात फेरे लेकर, उसके नाम का सिन्दूर अपनी मांग में सजा कर और उसके सुहाग की निशानी काले मोतियों से बना मंगलसूत्र पहन कर उसकी अधूरी जिंदगी को मुकम्मल करने के लिए उसके साथ उसके हर सुख दुख का साथी बन कर उसके साथ चल देती है
सिर्फ एक उसके प्यार और साथ के खातिर वो अपना सब कुछ पीछे छोड़ आती है, ऐसा नही है सिर्फ स्त्री ही अपने पति के खातिर इतना त्याग करती है, आदमी भी बहुत सी गैर जरूरी चीजों का त्याग कर देते है शादी के बाद, जैसे की अपने दोस्तों के साथ कम उठना बैठना, दफ्तर के बाद सीधा घर आना, अपने लिए कुछ न खरीद कर अपनी पत्नि और बच्चों के लिए पहले सोचना, पर्स / अकाउंट में पैसे न होते हुए भी पत्नि और बच्चों की फरमाइश या ज़रूरत पूरी करने के लिए दफ्तर या किसी अन्य सहकर्मी से उधार लेकर बाद में ओवरटाइम कर उन्हें लोटा देने का वायदा कर उनकी ज़रूरत पूरी करना, और भी बहुत कुछ जो एक आदमी एक स्त्री का उसकी जिंदगी में आने के बाद करता है
शायद हम भी उन्ही आदमी या पति में से एक होंगे, लेकिन अपने मूंह मिया मिट्ठू हम नही बनेगे, आज के इस अवसर पर ज़ब हम आज अपने वैवाहिक जीवन के सफऱ को 25 साल पूरा कर चुके है, जिसको शानदार सफऱ बनाने का श्रय हमारी धर्म पत्नि मिनाक्षी जी को जाता है
जिन्होंने इस 25 साला सफऱ में हमारा साथ हर उस कदम पर दिया जहाँ हमारे कदम लड़खड़ा कर हमें गिराने की कोशिश में थे, लेकिन हमारी जीवन संगिनी के साथ ने हमें उन लड़खड़ाते कदमो को एक जगह अडिग रहने का जो हौसला और हिम्मत दी शायद उसी का नतीजा है, जो आज हम कई बार अपने जीवन में आयी असफलता और अपने चारों और फैले अंधकार को दूर करने में कामयाब रहे और आज एक सक्सेसफुल बिज़नेस मेन की भांति आप सब के सामने खडे अपने इस खूबसूरत दिन की ख़ुशी को आप के साथ साँझा कर रहे है
बताता चलू आज मुझे इस सेंटेंस को बोलते हुए बहुत फ़क्र महसूस हो रहा है, कि my wife is my life, किसी ने सही कहा है कि मर्द का मुस्तकबिल एक औरत के ही हाथ में होता है , पहले वो औरत उसकी जिंदगी में माँ के रूप में आती है जो कि उसे एक अच्छा इंसान बनाने का हर संभव प्रयत्न करती है, उसे इस समाज में रहने के काबिल बनाती है, उसे अच्छे और बुरे में विभेद करना सिखाती है और फिर ज़ब वो सब कुछ सीख जाता है तब उसकी जिंदगी में एक और स्त्री का आगमन होता है, जिसे पत्नि कहते है
आगे का मुस्तकबिल उसकी पत्नि के हाथ में होता है, जिसे वो अपने आचरण, अपने गुणों, अपने स्वभाव, अपने प्रेम और अपने स्नेह से उसके भविष्य उसकी आने वाली नस्ल को खूबसूरत बना सकती है
जैसा कि मेरी पत्नि मिनाक्षी ने बनाया, मेरी पत्नि मेरी हमसफ़र में वो हर एक गुण था और है जिसकी बदौलत उसने मेरे भविष्य को निखार दिया, मेरे घर, मेरे बच्चों, मेरे माता पिता और मेरे करीबी रिश्तेदारों को मुझसे दूर किए बिना उन्हें एक ही माला में पिरो कर रखा, न खुद उनसे दूर हुयी और न ही कभी मुझे उनसे दूर होने का कहा, एक परिवार को परिवार कि संज्ञा पाने के लिए जिस तरह संघटित होना चाहिए उसी तरह मिनाक्षी ने उसे बनाये रखने का हर दम प्रयास किया
मुझे छोटी सी तनख्वाह वाले मुलाजिम को आज अपना खुद का व्यवसाय स्थापित कर, सफलता के इस शिखर पर बैठाने का सारा श्रय मेरी धर्म पत्नि, मेरी जिंदगी मिनाक्षी जी का है, जिन्होंने मेरी कम तनख्वाह में भी कभी कोई शिकायत नही की हर दम खुश रही और मुझे भी खुश रहना और हर दम आगे बढ़ने की सीख दी, और आज जो ये मैं अपना छोटा मोटा व्यवसाय खड़ा कर पाया हूँ ये सब इन्ही की बदौलत है,
मैं बस आज के इस अवसर पर इतना ही कहूँगा जो की शायद कभी कह न सका, धन्यवाद मेरी जिंदगी में आने के लिए, मेरी जिंदगी को जिंदगी बनाने के लिए, मेरा मुस्तकबिल बनाने के लिए, खुद को और मुझे हर मुश्किल घड़ी से पार लगाने के लिए मुझमे हर पल एक नयी उम्मीद जगाने के लिए मेरा सच्चा और अच्छा दोस्त बनने के लिए
अपनी 25 वी शादी की सालगिरह पर, अपनी पत्नि का हाथ थामे मयंक जी ने उनकी आँखों में आँखे डाल कर कहा, जिसे सुन मिनाक्षी जी निशब्द हो गयी थी, उनकी आँखे नम थी, वो भी बहुत कुछ कहना चाहती थी लेकिन अपने पति से अपने लिए इतनी सारी बाते सुन वो खामोश हो गयी थी, उन्होंने बस खुद को उनके सीने से लगा लिया और मयंक जी ने भी उन्हें कसके अपनी बाहों में जकड़ लिया था, जिन्हे इस तरह देख सामने खडे लोगो के चेहरों पर एक मुस्कान उभर आयी थी
समाप्त
प्रतियोगिता हेतु
सृष्टि सुमन
05-Apr-2023 09:21 AM
👌👌👏
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Vedshree
02-Apr-2023 05:03 AM
👌👌👌🌸
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Ajay Tiwari
29-Mar-2023 08:12 AM
Very nice
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